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भारत की GDP 2025-26 में 6.5% से ज़्यादा? जानिए सरकार के नए दावे और आपके लिए इसका क्या मतलब है!

भारत की अर्थव्यवस्था लगातार विकास की राह पर है और मूडीज, एक प्रतिष्ठित ग्लोबल क्रेडिट रेटिंग एजेंसी, ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारतीय जीडीपी ग्रोथ रेट को 6.5% से अधिक का अनुमान जताया है। यह पहले के वित्तीय वर्ष 2024-25 के 6.3% के अनुमान से भी अधिक है। यह विकास इसलिए मुमकिन है क्योंकि सरकार ने पूंजीगत व्यय में इजाफा किया है, जिससे उपभोक्ता मांग बढ़ी है। साथ ही, कर कटौती और ब्याज दरों में कमी से आर्थिक गतिविधियों में तेजी आई है।

मूडीज ने इस विकास के साथ कुछ जोखिमों पर भी ध्यान दिया है, खासतौर पर बैंकिंग क्षेत्र में। असुरक्षित खुदरा ऋण, माइक्रोफाइनेंस और छोटे व्यवसाय ऋणों में वृद्धि हो सकती है, जिससे परिसंपत्ति गुणवत्ता में गिरावट की संभावना है। फिर भी, लाभप्रदता स्थिर रहेगी। FY 2025-26 में ऋण वृद्धि दर घटकर 11-13% हो सकती है, जो बैंकिंग सेक्टर पर असर डाल सकती है। लेकिन समग्र रूप से, भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूती से आगे बढ़ती दिख रही है।
 

मुख्य बिंदु:

  1. जीडीपी वृद्धि: वित्तीय वर्ष 2025-26 में अनुमानित 6.5% से अधिक, जो FY 2024-25 के 6.3% से अधिक है।
  2. मुद्रास्फीति और ब्याज दरें: FY 2025-26 में मुद्रास्फीति घटकर 4.5% हो सकती है। फरवरी 2025 में RBI ने अपनी नीति दर 25 बेसिस पॉइंट्स कम करके 6.25% कर दी थी।
  3. बैंकिंग क्षेत्र पर प्रभाव: असुरक्षित ऋणों में वृद्धि हो सकती है, जिससे परिसंपत्ति गुणवत्ता पर असर पड़ सकता है, लेकिन लाभप्रदता स्थिर बनी रहेगी।
  4. सरकार और RBI का अनुमान: आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार FY 2025-26 में GDP ग्रोथ रेट 6.3% से 6.8% के बीच हो सकती है।

समग्र आर्थिक दृष्टिकोण:

सरकार के द्वारा उठाए गए कदम, जैसे कि कर कटौती और पूंजीगत व्यय में वृद्धि, से उपभोक्ता खर्च में सुधार देखा जा रहा है। साथ ही, मौद्रिक नीति में नरमी से ब्याज दरों में कमी आई है, जिससे निवेश और आर्थिक गतिविधियों में बढ़ोतरी हुई है। अगर बैंकिंग क्षेत्र में सुधार की प्रक्रिया को ध्यान में रखा जाए, तो भारतीय अर्थव्यवस्था अगले कुछ वर्षों में मजबूत विकास दर बनाए रख सकती है।

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