मूडीज ने इस विकास के साथ कुछ जोखिमों पर भी ध्यान दिया है, खासतौर पर बैंकिंग क्षेत्र में। असुरक्षित खुदरा ऋण, माइक्रोफाइनेंस और छोटे व्यवसाय ऋणों में वृद्धि हो सकती है, जिससे परिसंपत्ति गुणवत्ता में गिरावट की संभावना है। फिर भी, लाभप्रदता स्थिर रहेगी। FY 2025-26 में ऋण वृद्धि दर घटकर 11-13% हो सकती है, जो बैंकिंग सेक्टर पर असर डाल सकती है। लेकिन समग्र रूप से, भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूती से आगे बढ़ती दिख रही है।
- जीडीपी वृद्धि: वित्तीय वर्ष 2025-26 में अनुमानित 6.5% से अधिक, जो FY 2024-25 के 6.3% से अधिक है।
- मुद्रास्फीति और ब्याज दरें: FY 2025-26 में मुद्रास्फीति घटकर 4.5% हो सकती है। फरवरी 2025 में RBI ने अपनी नीति दर 25 बेसिस पॉइंट्स कम करके 6.25% कर दी थी।
- बैंकिंग क्षेत्र पर प्रभाव: असुरक्षित ऋणों में वृद्धि हो सकती है, जिससे परिसंपत्ति गुणवत्ता पर असर पड़ सकता है, लेकिन लाभप्रदता स्थिर बनी रहेगी।
- सरकार और RBI का अनुमान: आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार FY 2025-26 में GDP ग्रोथ रेट 6.3% से 6.8% के बीच हो सकती है।