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भारत की अंतरिक्ष में 143 मिलियन डॉलर की कमाई | ISRO के विदेशी सैटेलाइट लॉन्च से हुई रिकॉर्ड कमाई

भारत की अंतरिक्ष उपलब्धियों से 143 मिलियन डॉलर की कमाई

भारत ने 2015 से 2024 के बीच 34 देशों के 393 विदेशी उपग्रहों का सफल प्रक्षेपण किया है, जो देश की अंतरिक्ष शक्ति में बढ़ती प्रगति का प्रमाण है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने PSLV, LVM3 और SSLV लॉन्च वाहनों का उपयोग करके इन सैटेलाइट्स को लॉन्च किया। इस असाधारण सफलता के साथ, भारत ने 143 मिलियन अमेरिकी डॉलर की विदेशी मुद्रा अर्जित की, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिला। यह ISRO के भविष्य के मिशनों के लिए मार्ग प्रशस्त कर रहा है, जैसे गगनयान और 2035 तक भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन का निर्माण।
 

प्रमुख उपलब्धियां:

  • विदेशी सैटेलाइट लॉन्च: भारत ने 2015-2024 के बीच 34 देशों के 393 सैटेलाइट्स का सफल प्रक्षेपण किया।
  • राजस्व: 143 मिलियन अमेरिकी डॉलर विदेशी उपग्रहों से।
  • अग्रणी देश: अमेरिका (232), यूके (83), सिंगापुर (19) सहित अन्य देश।
 

भारत की अंतरिक्ष साझेदारियां:

भारत ने 61 देशों और 5 बहुपक्षीय संगठनों के साथ अंतरिक्ष सहयोग समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। प्रमुख सहयोग क्षेत्रों में सैटेलाइट रिमोट सेंसिंग, नेविगेशन और संचार शामिल हैं।
 

हाल की अंतरिक्ष उपलब्धियां:

  1. चंद्रयान-3 (2023): चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफल सॉफ्ट लैंडिंग।
  2. आदित्य L1 (2023): भारत का पहला सौर मिशन
  3. गगनयान (2025): भारत का पहला मानव मिशन।

निजी क्षेत्र का योगदान:

2020 में निजी कंपनियों को अंतरिक्ष क्षेत्र में अवसर दिए गए, जिससे भारतीय स्टार्टअप्स ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भारत के निजी क्षेत्र ने प्रौद्योगिकी विकास और अंतरिक्ष नवाचारों में बड़े कदम उठाए हैं।
 
निष्कर्ष:

भारत की अंतरिक्ष सफलता वैश्विक स्तर पर उसकी सशक्त उपस्थिति का संकेत है। ISRO की क्षमता और निजी क्षेत्र की भागीदारी के साथ, भारत भविष्य में एक मजबूत अंतरिक्ष शक्ति बनने की राह पर है।

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