भारत के बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्रालय (MoPSW) ने समुद्री क्षेत्र में क्रांति लाने के लिए कई मजेदार और दिलचस्प पहल शुरू की हैं। अब आपको सुनने में थोड़ा टेक्निकल लगेगा, लेकिन ये बदलाव इतने ज़बरदस्त हैं कि आप सोचेंगे कि बंदरगाह भी अब स्मार्टफोन की तरह काम करेंगे!
भारत के बंदरगाहों में ‘वन नेशन: वन पोर्ट प्रोसेस’ (ONOP) से क्रांतिकारी बदलाव
सबसे बड़ी और चर्चित पहल है ‘वन नेशन: वन पोर्ट प्रोसेस’ (ONOP)। अब सोचिए, पहले हर बंदरगाह का अपना-अपना ढर्रा हुआ करता था, जैसे हर दादी की अपनी खिचड़ी की रेसिपी होती है। लेकिन अब ONOP ने इसे एकदम एक समान बना दिया है! बंदरगाहों पर लगने वाले दस्तावेज़ीकरण के झंझटों को कम कर दिया गया है, मतलब अब बंदरगाह की प्रक्रियाएं स्मार्ट हो गई हैं। यह पहल देशभर के बंदरगाहों को डिजिटल रूप में पेपरलेस बनाने की तरफ भी कदम बढ़ा रही है। इससे काम न सिर्फ तेज़ होगा, बल्कि खर्च भी घटेगा।
केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने इसे एक बड़े इवेंट में लॉन्च किया और बताया कि बंदरगाहों को अब एक नए ‘स्टाइल’ में काम करने का तरीका सिखाया जा रहा है। ऐसा लगता है जैसे बंदरगाहों की भी ‘फैशन रिवोल्यूशन’ हो रही हो!
ONOP के तहत बंदरगाहों का आधुनिकीकरण और एकरूपता
अब बात करें सागर अंकलन की, जिसमें लॉजिस्टिक्स पोर्ट परफॉर्मेंस इंडेक्स (LPPI) 2023-24 भी शामिल है। इस इंडेक्स के ज़रिए यह देखा जाएगा कि कौन सा बंदरगाह सबसे ज्यादा तेज़ और स्मार्ट है, और कौन सा थोड़ा पीछे रह गया है। एक तरह से यह बंदरगाहों की ‘रिपोर्ट कार्ड’ होगी। इसे देखकर सरकार पता लगाएगी कि किसे ‘अच्छे अंक’ मिले और किसे थोड़ा और मेहनत करने की ज़रूरत है।
LPPI के कुछ बड़े फायदे हैं – जैसे, बंदरगाहों की दक्षता बढ़ेगी, टर्नअराउंड समय में कमी आएगी (यानि जहाज जल्दी खाली होंगे), और भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बंदरगाहों की प्रतिस्पर्धा में आगे लाया जाएगा। इसके अलावा, बंदरगाहों को हरित प्रथाओं (ग्रीन प्रैक्टिसेज) को अपनाने के लिए भी प्रेरित किया जाएगा ताकि पर्यावरण का भी ख्याल रखा जा सके।
भारत ग्लोबल पोर्ट्स कंसोर्टियम: वैश्विक व्यापार में भारत की नई भागीदारी
एक और दिलचस्प कदम है ‘भारत ग्लोबल पोर्ट्स कंसोर्टियम’ की घोषणा। यह ऐसा है जैसे भारत और दूसरे देशों के बंदरगाहों ने हाथ मिलाया हो। इससे ना सिर्फ भारत की बंदरगाह अवसंरचना (इन्फ्रास्ट्रक्चर) में निवेश बढ़ेगा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार में भी भागीदारी बढ़ेगी। जैसे हम अपने दोस्तों के साथ मिलकर कुछ बड़ा प्लान करते हैं, वैसे ही भारत अब अन्य देशों के साथ बंदरगाहों पर बड़ा गेम प्लान बना रहा है।
तो बस तैयार हो जाइए, क्योंकि भारत के बंदरगाह अब पहले से भी ज़्यादा हाईटेक और स्मार्ट होने जा रहे हैं! यह कदम भारत को आत्मनिर्भर और एक विकसित समुद्री शक्ति बनाने के मिशन का हिस्सा है।
तो अगली बार जब आप किसी बंदरगाह से गुजरें, तो याद रखें, यह वही बंदरगाह है जो अब स्मार्ट हो गया है, और इसे हाई-फाई बनाने का मिशन जारी है!
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SAURABH KUMAR
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Author: Surabh Kumar
Education: Bachelor of Science, ITI, Course on Computer Concepts(CCC)
Age: 24
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Experience: 8 Years in Education News, Jobs, Government Schemes etc.